( तर्ज - लिजो लिजो खबरीया ० )
साधो ! बनमेंहि काहेको भूल परा ?
तैने हरिका भजन क्यों दूर करा ? ||टेक||
छोडके घरदार सभी ,
ली तुंबडी साथमें ।
अंगमें बभूत चढा ,
माल धरी हाथमे
तेरा मन ना रँगा है
रँगा कपरा || १ ||
ख्याल तो लगा है सभी '
धन जमा लूँ पासमें ' ।
ग्यान बताता है बडा
' रामका हूँ दास मैं ' ।
अपने बरे करमको
न छोडे जरा ॥ २ ॥
यह फकीरी ना करो ,
दिल जो कि सुखमें है लगा ।
चल डटो संसारमें ,
काला अपनको ना लगा ।
तुकड्या कहता है ,
मान घटेगा तेरा ॥ ३ ॥
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